शौर्य शान्तनवे बलं हलधरे सत्यञ्च कुन्तीसुते ॥
जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी ।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते ॥
जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतापहारिणि ।
जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते ॥
ब्रह्मा करोतु दीर्घायुर्विष्णु: करोतु सम्पद: ।
हरो हरतु पापानि गात्रं रक्षतु चण्डिका ॥
आवाहनं न जानामि न जानामि समर्पूणम् ।
पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्र्वरि ॥
महान चाड़ बड़ा दशैं २०६८ को पावन अबसरमा हरेक सुख
दुखमा हाते मालो गर्दै दुनिया को हरेक कुना-कुनामा रहनुहुने संपूर्ण
नेपाली बुवा-आमा तथा दाजुभाई दिदिबहिनिहरुमा सुख शान्ती समृदी को हार्दिक मंगलमय सुभकामना ब्यक्त गर्दछु |
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